Hindi Translationचित्त का स्नेह सज्जन को अर्पित करे तो ;
रहे प्रेम को रोक-थाम है क्या पागल ?
आतुर में चिंतित होकर व्याकुलता में तड़प रहा है मन।
यह मन चिह्न न दिखाये घन का पीछा करना न छोडे तो,
वह मूर्ति अपने में है गुहेश्वर लिंग !
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura