Hindi Translationनर सुर किन्नर आदि सब
पिंड जैसे भांडे में छिपे रहने से,
क्या मैं उन्हें रूप दे सकता अय्या?
देवगण, रुद्रगण, प्रमथ गण आदि सब
ब्रह्मांड जैसे भांडे में छिपे रहने से
क्या मैं उन्हें भाव दे सकता अय्या?
सत्य नित्य मुक्त महा महिम सब
चिद्ब्रह्मांड जैसे भांडे में छिपे रहने से
क्या मैं उन्हें जान सकता अय्या ?
ऐसे त्रिभांडों में मिले अखंडित परिपूर्ण हुआ भांड ही,
अपना रहने कहे निज लिंगैक्य की उपमा नहीं कर सका,
उपमा न देने से रूप न दे सका,
रूप न देने से भाव न दे सका, भाव न देने से न जाना!
न जाने ज्ञान ही खुद बने,
गुहेश्वर कहना दूसरा नहीं।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura