Hindi Translationअनादि शरण के हृत्कमल बीच का
तेजो मय को क्या कहा उपमा दूँ।
जलही पादशिला, पृथ्वी ही गठ्ठा
आकाश ही लिंग,सप्तसागर ही पंचामृत,
मेघही पवित्र जल का कलश, वर्षाकाल ही स्नान,
चंद्रमा ही माथा गंध,नक्षत्र ही अक्षता,
पेड पौधे ही पत्र पुष्प, पंचमहावाद्य गूँजित हुए,
जाडा जैसे उतारकर, ग्रीष्म जैसे भोग चढाकर,
सर्व परिमल जैसे धृत परोसकर, पर जैसे व्यंजन परोस कर
प्रकाश अंधकार जैसे सिहरा बाँधकर,
लिंगारोपण करवाकर
सुज्ञान में हाथ धुलवाकर,
भाव जैसे तांबूल देकर,
मैं तू जैसे गंध लेपकर,
वायु जैसे वस्तु पहनाकर
गुहे्श्वर जैसा लिंग परिपूर्ण होने केबाद
स्नान कराने की ठाँव कौन सा है संगनबसवण्णा?
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura