Hindi Translationज्ञानी शरण को आचार नहीं, आचारवान को लिंग नहीं।
बिनालिंग के शरण की सूझ जग को विपरीत,
उसका व्यवहार प्रकट नहीं देखा।
संसारी के भोग की चाह उसकी नहीं
झूठ पकडे सच भूलकर,
बिना लिंग को रहे जैसे पूजा करनेवाले को आचार है ,
आचारवान को गुरु है, गुरु मानने को लिंग है,
लिंग पूजक को भोग है,
ये सिर्फ वाचाली पूजक बने।
गुहेश्वर लिंग वहाँ नहीं कहना,
यह वेष लांछनधारी कैसे जानते हैं कहो संगनबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura