Hindi Translationज्ञान की रचना बिना देखे गिरि कि चोटी पर
सिर रखकर तपस्या करे तो नहीं, न रहने समय का नहीं;
शरीर को दंड देने से नहीं; पृथ्वी घूमने से नहीं;
तीर्थों में नहाकर नित्यनेम कर
जप समाधि में खड़े तो नहीं,
"पूजा कोटि समंस्तोत्रं, स्तोत्रकोटीसमंजप:।
जप कोटिसमंध्यानं, ध्यान कोटिर्मनोलय:"
कहे तो ,घूम फिरने मन को स्थिर रखकर,
चित्त नाश हो तो नित्य प्रकाश,
गुहेश्वरा लिंग को फिर ढूँढसकते?
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura