Hindi Translationछः चक्र में जाने कहें अज्ञान जडों तुम सुनो !
वह कैसे कहें तो -
आधार चक्र पृथ्वी संबंध, वहाँ ब्रह्म अधिदेवता,
आचार लिंग अपनाकर योगी बने घूमा।
स्वादिष्टान चक्र जल संबंध, वहाँ विष्णु अधिदेवता,
गुरु लिंग अपनाकर योगी बने घूमा ।
मणिपूरक चक्र अग्नि संबंध, वहाँ रूद्र अधिदेवता,
शिवलिंग अपनाकर श्रवण बने घूमा ।
अनाहत चक्र वायु संबंध, वहाँ ईश्वर अधिदेवता,
जंगम लिंग अपनाकर सन्यासी बने घूमा।
विशुद्धि चक्र आकाश संबंध, वहाँ सदाशिव अधिदेवता ।
प्रसाद लिंग अपनाकर काळामुखी बने घूमा।
आज्ञा चक्र परतत्व संबंध, वहाँ परशिव अधिदेवता,
महालिंग अपनाकर पाशुपति बने घूमा।
ऐसे षड्दर्शन आये तो आंगन में मिला दो
वह लिंग तुम्हें कैसेलगते ?
इस कारण, सामने रखे गुरुलिंग जंगम त्रिविध संबंध न जाने
षट्स्थल में तृप्त हुए कहें भ्रष्टों को देखा गुहेश्वरा!
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura