Hindi Translationएक दो हुए कोई नहीं जानता
वह एक एक ही हुआ था, त्रितत्व हुए थे , वेदातीत हुआ था,
भरित हुआ था, प्रदेशिक हुआ था, भक्ति साध्य हुई थी।
उसके आधार देह हुई थी ।
वह अष्ट विग्रह स्वरूप हुआ रहा था ।
और रही एक माया शक्ति से मिले ,
गुणत्रय मिले, नानात्मा कहने
विषयात्मा, इंद्रियात्मा, भूतात्मा, जीवात्मा, परमात्मा, कहलाकर,
प्राणादि वायुओं से मिलकर जड प्रकृतियों को ढोकर
संकल्प-विकल्प जैसे उभय कर्मों को कल्पित कर
नाना योनी प्राप्त हुआ करता ,
लोकादि लोकों में तडपते, थकते ,
अपने पहले मिलन का प्रकार चाह कर
नाना विधि से ढूँढते बह रहे हैं अखिल सब जीवी ।
यह न मिलाये, मिलाये संगनबसवण्णा की याद याद कर
शरण कहे शुद्ध हुआ देख गुहेश्वरा ।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura