Hindi Translation‘ऊँ’ कहे वेद पढनेवाले चमार को साध्य नहीं होती विभूति ।
पुराण पढनेवाले नीच को साध्य नहीं होती विभूति ।
शास्त्र पढनेवाले बाजार वेश्यापुत्र को साध्य नहीं होती विभूति ।
अंगलिंग संबंध जाने शिवज्ञानी के बिना
दूसरों को साध्य नहीं होती विभूति ।
हथेली में विभूति रखकर ,
पवित्रजल देकर गुण मर्दन कर
लिंग जूठन कर ? लिंग समर्पण कर ,
षडक्षरी मंत्र स्मरण कर
माथे पर पगडी बांधकर ,विभूति धारण कर
हस्त धोनेवाले गुरुद्रोही,लिंगद्रोही,जंगम द्रोही ।
श्री विभूति ललाट पर धारण कर हाथ धोनेवाले
पातकियों का मुख न देखना ।
श्री विभूति को शिव समझ धारण करना ,
परशिव खुद समझे धारण करना ,
साक्षी-“कृत्वेव जलमिश्रंतु समुधृत्य षडक्षरी ।
धारयेत् त्रिपुंड्रंतु मंत्रेण मंत्रित ” ॥
श्री विभूति धारण कर हस्त धोनेवाले को
देवलोक मर्त्यलोक न मिलता –कहे
तुमारी कसम, तुमारे प्रमथों की कसम,
हमारे गुहेश्वर लिंग खुद विभूति देख संगनबसवण्णा ।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura