Hindi Translationनवनाल बिंदु पवन हृदय कमल बीच का दल दबाकर,
क्षण क्षण में चलता परम हंस को
कोई नहीं जान सकता – घम घम से लहरा ता!
वह कैसे कहें तो -
‘पूर्वदले भवेत्भक्तिराग्नेयां च क्षुधैव च।
दक्षिणे क्रोधमुत्पन्नं नैरुत्यां सत्यमेव च॥
पश्चिमे तु भवेत्निद्रावायुव्यांगमनस्तथा।
उत्तरायां धर्मशीला वैशान्यां विषयस्त था॥
अष्टदलेषु मध्यस्थ मानचं दमचलंशिव:’।।
कहते-
अष्टदल दबाकर चलनेवाले वह परम हंस
तकिया बनाये खडा करने वाला
तुम्हारे शरण चेन्नबसवणा को
मैं नमो नमो कहूँगा गुहेश्वरा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura