Hindi Translationलोभ जैसे रगड़े आयुध को और फिर मत रगड़ना।
ऐसे कदली में घुसे प्रणाम कर कांटा पौधे न छुए पारकर,
गुहेश्वर जैसी निज समाधि में खड़े परवश होकर
निराल को निराल निराला बना हुआ था अय्या।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura