Hindi Translationउदक मज्जन नही, पत्र पूजा नहीं,
धूप परिमल नहीं, काँसा चमकता नहीं, नैवेद्य अर्पित नहीं,
वह कैसे कहें तो -
सज्जन ही मज्जन है, सत्य सदाचार ही पत्रपुष्प है।
अष्ट मदों को जलाना ही धूप, नयन ही स्वयं ज्योति।
परिणाम ही अर्पित देख गुहेश्वरा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura