Hindi Translationश्रेष्ट थाली में एक योग्य नैवेद्य रखकर,
तरह तरह पदार्थ अलग अलग रीति से आते,
देखने के पहले ही रूप अर्पित हुआ था।
छूने के पहले ही स्पर्श अर्पित हुआ था।
रुचि के पहले ही सुख अर्पित हुआ था।
स्वीकार स्वीकार करो लिंग,
तेरे मन में आये पदार्थ को तेरे घन को तू अर्पित करे तो,
मेरे मन में आये पदार्थों को मैं तुझे अर्पित करता हूँ।
गुहेश्वरा तुझे भरपूर नैवेद्य सजाकर देने से
मुझे-तुझे संगनबसवण्णा का प्रसाद-
स्वीकार करो देवा ।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura