Hindi Translationजंगम के लक्षण क्या कहें तो -
लिंग रूप बने पादार्चना करनी चाहिए।
भक्त के लक्षण क्या कहें तो:-
भृत्य रूप बने पादार्चना करनी चाहिए।
जंगम लिंगरूप होने के विवर कैसे कहें तो :-
बोली में मैं लिंगरूप कहें तो काफी नहीं
तन-मन-धन तीनों को अपनाये न अपनाये
करवाना अब जंगम का लक्षण ।
उस स्थिति को भवं नास्ति ।
भक्त के भृत्य रूप विवर कैसे कहें तो
बोली में मैं भृत्य रूप कहें तो काफी नहीं ;
तनु-मन-धन तीनों को जीवन गुण में न रखे
गुरुलिंग जंगम को न मिले दासोह करना ही भक्त का लक्षण
उस स्थिति को भवं नास्ति।
ऐसे उभय कुल स्थल न मिले
एक होकर खड़ी स्थिति ही गुहेश्वर लिंग में ऐक्य ।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura