Hindi Translationज्ञानोदय ही भक्त,
ज्ञान शून्य ही ऐक्य ।
ऐसे ज्ञान का आदि अंत्य जानने से ही
सर्वज्ञ बना ईश्वर देख।
वह कैसे कहे तो-
“चिदोदयश्च सद्भक्तोंचिन्यूनमं चैक्यमेव च।
उभयोरैक्यविज्ञेयात्सर्वज्ञशमीश्वरः” ॥
कहने से -
ऐसे षटस्थल में आद्यंत छिपे भेद को
तेरे बिना अन्य कैसे जानते गुहेश्वरा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura