Hindi Translationपरुष की पुतली को लोहे का श्रृंगार क्यों?
"लिंग मध्ये जगत्सर्वं त्रैलोक्यं सचराचरं।
लिंग बाह्यात् परं नास्ति"--ऐसी भ्रांति क्यों ?
लिंगमध्ये जगत्सर्व हो तो, इस आत्मा को
पूर्व के उत्पत्ति स्थिति लय कैसे हुए?
लिंग लिंग जैसे, जग-जग जैसे,
लिंग को अंदर बनाकर जग को बाहर कर सकता
हमारा शरण गुहेश्वर तू ही खुद।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura