Hindi Translationमन का मन एकार्थ होकर, शरीर का शरीर समदर्शी बनकर,
प्राण का प्राण समकला हो कर रहे हुओं में –
मन वचन शरीर में शब्द सूतक पैदा हो तो
सहन मत करना सुन।
हमारे गुहेश्वर लिंग में तू भक्त बने कारण,
गुस्से का अंकुर दिखाया था देख संगनबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura