Hindi Translationरत्नदीप्ति हुई तो क्या? बंधित सोने में ही रहना है।
मीठा रस रुचि देनेवाला फल कहे तो क्या वृक्ष न रहने तक?
चित्र सौंदर्य देखने को सुख कहे तो क्या?
दीवार का चित्र मुख्य स्थान में न रहने तक?
अंजन सिद्धि से निधान देखे तो क्या?
साधन क्रिया से साध्य न बनने तक?
इस कारण __
शरीर के करस्थल को इष्टलिंग साहित्य न रहे तो,
निरवय हुआ ज्ञानयोग मिलना साध्य न होता।
इस कारण से__
क्रियालिंग संबंध ही भक्त का मत, यही कारण देह शौच।
हमारे गुहेश्वर के शरणों के मन मनाने जैसे
सिद्धरामय्या को लिंग साहित्य कर चेन्नबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura