Hindi Translationअय्या निरवय शून्य मूर्ति गुहेश्वर लिंग को
मेरे अष्टतनु ही अष्ट विधार्चन बने
मेरे अष्टात्मा-अष्ट करण षोडशोपचार बने
शरण सती लिंग पति जैसे उभय भेद मिठे एक होकर
पत्ते जडे वृक्ष जैसे शब्द छिप गया है।
लहर मिठे अंबुधि जैसे परम चिद्घन गुरु शिवसागर डूबे
परम चिद्गंभीर हुआ हूँ अय्या।
घटमिठा अवकाश जैसे
संपूर्ण शून्य बने निश्चल हुआ है अय्या।
पटमिठा चित्र जैसे निर्मल निरावरण बने
शुद्ध अमल ब्रह्म बनकर प्रति रहित अप्रतिम
अनिमिष, अनुपम, अप्रमाण, अनामय, अगणित अचलानंद
नित्य नि:कळंक, निर्माय, निरालंब, निर्गुण नित्य मुक्त
नित्य तृप्त निश्चिंत नि:काम्य निज षड्गुणैश्वर्य
मद्गुरु संगनबसवण्णा के चिद्प्रकाश के शून्य में
शून्य बनना न चूकता, तुम्हारी कृपा से देख
चेन्नबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura