Hindi Translationआदि न जाने,
अनादि से उधर उधर मैं कौन बिना परख समझ देखे ;
करेतो क्या फल है बसवय्या?
मरने तक साधना करेतो,
लड़ने का दिन और कौनसा है बसवय्या?
जीवन भर भजन करे तो
खुद बनने दिन और कौनसा है बसवय्या?
इस कारण_
मर्त्यलोक के सब भक्त सत्य न जाने,
मिथ्या को ही पकड़े, मिथ्या की पूजाकर, व्यर्थ हो गये।
अपने आप न समझे बिगड़े।
सिर मोचन, शरीर काटना, ऑंख निकालकर
पेट चीलना, बेटे को मारकर भोजन बनाकर,
वादी को पुर लेकर,
शरीर सहित कैलास गये, सब भक्त कहलाये?
उनको क्या शिवपथ साध्य हुआ था? भव दूर हुआ था?
क्या वह सहज है? नहीं नहीं रुक मत।
नरलोक के सब नर संसार में लगे हुए हैं।
सुरलोक के सब सुर संसार में लगे हुए हैं।
रुद्र लोक के सब रुद्र रुद्र संसार में लगे हुए हैं।
मुनिजन सब तप जैसे संसार में लगे हुए हैं
जंगम को पकड़े हुए सब सायुज्य जैसे संसार में लगे हुए हैं।
लिंग पकड़े हुए सब फल-पद जैसे संसार में लगे हुए हैं।
ऐसी संसार में लगेहुए सब माया बड़वाग्नि जीत सकेंगे?
इस कारण नित्य निजतत्व न समझे तत्वमसि वाक्य को
बाहरी बाहर उपयोग कर बिगड़े बुजुर्ग, कुत्ते की मौत मरे।
मरे हुओं का नाम पत्र देखे तो
वह कहाँ का मोक्ष गुहेश्वरा?
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura