Hindi Translationहरि हरि कहने से बाहर परिचारक आये अय्या ।
आकर प्रणाम कर पधारिये कहने से
न पधारे तो तलवार शिर पर रखे खींचे देखे ।
निरवलय तन तलवार में फँसेगा ?
कौन बडे? कौन छॊटे? भक्ति का रहस्य कौन जानते ?
शिर जाने के बाद शरीर कहाँ का? ध्वनि कहाँ की ?
शिवशरणों के अंतरंग बिना जाने पागल हुआ देख
हमारे गुहेश्वर लिंग में संगनबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura