Hindi Translationदेह रहने तक लज्जा नहीं छूटती, अहंकार नहीं छूटता।
देह में मन रहने तक अभिमान नहीं छूटता,
याद की व्याप्ति नहीं छूटती।
देह मन दोनों हो तो संसार नहीं छूटता।
संसार हो तो भव पीछा नहीं छूटता।
भव का फंदा रहने तक विधिवश नहीं छूटता।
चेन्नमल्लिकार्जुन कृपापात्र शरणों को
देह नहीं, मन नहीं, अभिमान नहीं देखा पागल।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English TranslationTranslated by: Dr. Sarojini Shintri
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai