Hindi Translationउदक कलश ढोनेवाली स्त्री के हाथ में कंकण,
आवाज करनेवाला घुंघरू-चरण में,
गुस्से मनुष्य (गोरव)से मिलने की भरोसा से आयी
बहुत से कोटे की प्रतिरोध बने
कंकण का शब्द नंदि,आँख खोलने से काँटे दूर हुए,
दावानल उठ सूखी घास जले
जैसे प्राण गुण प्रध्वंसक को परस्पर क्या भावत्रय है?
शरण लिंग को अवकाश नहीं गुहेश्वरा ।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Marathi Translation
Malayalam Translation
Russian TranslationTranslated by: Prof Harishankar, Mysore and Mrs. Galina Kopeliovich, Russia
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura