Hindi Translationखुद सुना, देख, छूकर मन जाने सुख को
लिंग को कैसे दूँ अंग मन कहनेवाला ?
लिंग का परिपूर्णत्व न देखा
अंगहीनों को क्यों व्रताचार की रीति?
जीर्ण पर्ण रवि रश्मि ज्ञेय जैसे (न्याय जैसे)
जग में किसी में भी बिना खंडित गुहेश्वर रहते
भक्तदेही बने!
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura