Hindi Translationप्रथम में वस्तु कुछ भी न रही थी।
महाघन शून्य ब्रह्मा बना हुआ था।
वैसी रही पर वस्तु खुद, अपनी लीला सें ,अपना दिव्यानंद
स्वलीला स्वभाव से आत्मा जैसा अंगस्थल।
ऐसी हुई जीवात्मा जैसे अंगस्थल को
मिले पच्चीस तत्व हैं।
वे कौनसे कहें तो-
श्रोत्रादि पाँच ज्ञानेंद्रिय ,
वागादि पाँच कर्मेंद्रिय,
शब्दादि पाँच विषय,
प्राणादि पाँच विषय,
मन बुद्धि चित्त ,अहंकार जीव पाँच
ऐसे अंग तत्व पच्चीस।
ऐसे अंगतत्व पच्चीस अपने में समरसत्व होने के लिए,
भक्ति तदर्थ बनी, उस महाघन परात्पर रहा दिव्यलिंग
ग्यारह तत्व हुए थे ।
ऐसे ग्यारह तत्वों की परिक्रमा कैसे कहें तो
शांत्यादि शक्ति पाँच,
शिवादि सादाख्य पाँच,
परशिव तत्व एक।
ऐसे लिंग तत्व ग्यारह।
वह अंगतत्व लिंग तत्व कहें उभय तत्व छत्तीस।
ऐसे इनका समरसैक्य कैसे हुए हैं कहें तो:
निवृत्ति शक्ति मिलकर, वागादि कर्मेंद्रिय पाँच,
कर्म सदारव्य कुल मिले तो
पृथ्वी तत्व शून्य हुआ था।
प्रतिष्ठा शक्ति मिले, शब्दादि विषय पाँच
कर्तृ सादारव्य मिले हुए तो, जल तत्व शून्य हुआ था।
विद्याशक्ति मिलकर श्रास्त्रादि ज्ञानेंद्रिय पाँच
मूर्ति सादारव्य मिले हुए तो,
तेजतत्व शून्य हुआ था।
शांतिशक्ति मिलाकर प्राणादि वायु पाँच
अमूर्ति सदारव्य मिले हुए तो
वायु तत्व शून्य हुआ था।
शांत्यतीत शक्ति मिलाकर
मन बुद्धि चित्त् अहंकार जीव पाँच
शिवसदारव्य मिले हुए तो
आकाश तत्व शून्य हुआ था।
ऐसे पंचविंशति तत्व लिंगैक्य होते ही,
लिंग तत्व ग्यारह खुद एक एक मिलकर एकार्थ होने में,
कुल स्थल छिपा था।
ऐसे कुलस्थल-स्थलकुल छिपे रहने से,
महाधन परात्पर रहा दिव्य लिंग, ओले पिघले पानी बने जैसे
अपने परमानंद से ही सर्व शून्य हुआ था।
वह कैसे कहे तो--
साक्षी- ‘अनादि सिद्ध संसारं कर्तृकर्म विवर्जयेत्
स्वयंमेव भवेद्देहीस्वयमेव विलीयते।
अतः शून्यं बाहि: शून्यंशून्या शून्या दिशो दश।
सर्वशून्यं निराकांर निर्द्व्ंद्वं परमं पदं’।।।
कहने से ऐसे अंग तत्व पच्चीस लिंग तत्व ग्यारह,
ऐसे उभय तत्व एकार्थ बने,
सर्वशून्य से मिलकर परिक्रम के निर्णय की सुंदरता,
तत्व मस्यादि वाक्यार्थों में दिखाई पड़ी थी।
वह कैसे कहें तो:
तत्व पद ही लिंग, त्वं पद ही अंग,
इन दोनों के ऐक्य ही असि कहने से
ऐसी सकल होनेवाला, सकल नि:कल होनेवाला,
सकल नि:कलातीत होकर कुछ कुछ भी नहीं रहा
महाघन शून्य ब्रह्म बने
रह सकता है हमारा गुहेश्वरा लिंग।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura