Hindi Translationस्थिरासन में रहकर स्वर चार की स्थिति जाने
कोलाहल के पवनों को शांतकर
इंद्रियों को एक मुख कर बाँधे
उडते हंस को बोधकर रोके
परमामृत का कौर देकर पाल रहा था अय्या रोज।
दासोह मिठकर सोहं होने में ,
हँस की गति बिगडे परमहंस बनकर
सोऽहं सोऽहं कहता गुहेश्वरा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura