Hindi Translationअय्या काम क्रोध लोभ मोह मत्सर,
क्षुत्पिपासा, शोक, मोह, जनन, मरण को कुचल कर खडे
अष्ट विधार्चन-षोडशोपचार कर शिव के अनंत लीला अर्चना कर
फल-पद-मोक्ष को पाने की चाह से,
अंतरंगज्ञान, बहिरंग सत्क्रियाचारों में
दृढ चित्त से खडे,पहले कहे
सद्भक्त -माहेश्वर-प्रसादी-प्राणलिंगी-शरण स्थलों को मिलाकर
परात्पर नित्य तृप्तानंद मूर्ति बनकर
चमकते निजैक्य अनंतरंग में चिद्रूप लीला से
साकार निराकार; सकल नि:कल तत्वों को मिलाकर
तेरह स्थलों को जोड़कर
आठसौ चौंसठ मंत्रमालिका पकडकर
चौबीस रहस्य गर्भ से
ज्योति ज्योति मिलाकर अभिन्न होकर एक स्वरुप से
वेद स्वरूप महालिंग बनकर रह रहा है देखा।
निरवय शून्य लिंगमूर्ति गुहेश्वरा लिंग चेन्नबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura