Hindi Translationअय्या, समस्त लोक के अहं ममता जैसे
मूलाहंकार के कडाऊ बने कुचल खडे
सर्वांग में चिद्विभूति रुद्राक्षि मंत्र
ज्ञान, क्रिया, पादोदक, प्रसाद भक्ति के
आगे मन-प्राण भाव इंद्रिय होकर, पहले कहें
सद्भक्त- महेश्वर-प्रसादी-प्राणलिंग –शरण-ऐक्यस्थलों को
अपने में मिलाकर
उन्नत निरालंब स्थल में आचरित शरण अंतरंग में
अणु का अणु बनकर, महत्त का महत्त बनकर,
एक सौ एक स्थलों का करतलामलक बने
इक्कीस हजार छ:सौ मंत्रमालि का पकडे
दो सौ सोलह रहस्य गर्भ से
परिमल परिमल मिलकर भिन्न न दिखाने जैसे एक स्वरूप से
दीक्षा –शिक्षा-मोक्ष कारणावतारमूर्ति निःकल लिंग बने
स्थित देखा निरवय शून्य लिंगमूर्ति
गुहेश्वर लिंग चेन्नबसवण्णा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura