Hindi Translationसत्कार के कर्ता कहते हैं, सत्कार का घन क्या जानते?
आदि अनादि न रहते दिन, शून्य निशून्य रहते दिन,
नाद बिंदु कला बिना पैदे, ब्रह्म, विष्णु आदि न रहते दिन,
अष्ट दिशा, नव खंड न रहते दिन,
निराला निशून्य निर्भेद्य हुए परम चित्कला जैसे अज्ञान में रहे
परमामृत को सुयिधान जैसे हस्त से
सुज्ञान जैसे छोटे बर्तन जोड़कर
निर्मल सद्भाव हस्त से चिन्मय महालिंग को अर्पितकर
चिद्घन प्रसाद स्वीकारकर
असंख्यात ब्रह्मांड पिंडांड में परिपूर्ण होकर
अपनी स्थिति खुद जान सके तो सत्कार का कर्ता कहूँगा।
ऐसे नहीं तो, सोना, मिट्ठी, स्त्री, आहार
मिट्टी का घर,मंदिर के लिए झगडा कर
भवांबुधि में डूबकर उठने नीच मानव
सत्कार करने योग्य नहीं देख गुहेश्वरा।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura