Hindi Translationकाव्यासक्त कुछ बुजुर्ग।
ज्ञानासक्त कुछ बुजुर्ग।
समतासक्त कुछ बुजुर्ग।
ये सब अपने निज को खुद न जाने
तप आचरण किये।
वेष निर्वय बने आशा क्रोध छोड़े
दासोही बने हो तो खुद वहीं गुहेश्वरलिंग।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N