Hindi Translationनाभि की आड की लज्जा,
धागे की आड में रही थी कहते डरते, भयभीत होते हैं ।
मनचाहे अभिमान को कौनसी आड बता दो?
काया मिट्ठी कहते बीतने के बाद देशाभिमान वहीं गया था।
प्राणशून्य कहते बिताने के बाद,
मन की लज्जा में ही गयी थी।
चेन्नमल्लिकार्जुन से मिलकर लज्जाहीन की
पोषाक खींचे तो,
आडी साडी चली हो तो भयभीत होगी पागल ?
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English TranslationTranslated by: Dr. Sarojini Shintri
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai