Hindi Translationअनंतकोटि प्रकाश को न गिननेवाला ब्रह्म की चमक,
न देखनेवाला घन बिना रोके चमक महा प्रकाश।
अपने से आपबना स्वयं सुख निज, नित्य निज;
रूप निरंजन, निगमा तीत !
हरि निंदा से परे ज्योतिर्मय आप
लीलामूल हुए।
गुहेश्वर लिंग घन का, घन हुआ था।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English Translation
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai
Telugu Translation
Urdu Translation
ಸ್ಥಲ -
ಶಬ್ದಾರ್ಥಗಳುWritten by: Sri Siddeswara Swamiji, Vijayapura