Hindi Translationजैसे अग्नि सर्वव्यापक हो,
वैसे चिद्वह्निरूप शिव सर्वव्यापक है ।
हृदयकमल मुकुर जैसे प्रकाशित है ।
वह आईने जैसे हृदयकमल में
व्यापक हुआ शिव,
आत्मा कहकर प्रतिबिंबित हो रहा है ।
वेदोपनिषद् गायत्री प्रसिद्ध हुआ इस रहस्य को
गुरूपदेश से जानना है
श्री चेन्नमल्लिकार्जुन देवा ।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English TranslationTranslated by: Dr. Sarojini Shintri
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai