Hindi Translationनिज सुख अपना हो तो, विषय की परवाह क्यों ?
साँस परिमल हो तो, कुसुम की परवाह क्यों?
लोक ही खुद हो तो, एकांत की परवाह क्यों?
चेन्नमल्लिकार्जुना, मैं तू हो तो
ज्ञान की परवाह क्यों?Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English TranslationTranslated by: Dr. Sarojini Shintri
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai