Hindi Translationवटवृक्ष में रहा समरस बीज
अन्य भाव में आ सकेगा ?
आँखों की दृष्टी साँचे में डाले मन की शोभा
मन्मथ की हमला जीती देखा |
मृगतृष्णा जल में छिपी प्राणी
व्याध के जाल में फसेगा?
तुम्हारे वश में आयी कहें भूलो मत पागल |
चेन्नमल्लिकार्जुन के सिवा पर पुरुष
हमें न लगनेवाला मुँह देखो भाई।
Translated by: Eswara Sharma M and Govindarao B N
English TranslationTranslated by: Dr. Sarojini Shintri
Tamil TranslationTranslated by: Smt. Kalyani Venkataraman, Chennai